नई दिल्ली
"शहरी" या "ग्रामीण" - एक नाम से क्या समझा जा सकता है? ia.

हमें अक्सर बताया जाता है कि भारत अपने गाँवों में बसता है। हालाँकि हाल ही में शहरी विकास पर प्रकाशित रिपोर्ट और अध्ययन इस पर प्रश्न चिन्ह लगाते हैं। वैश्विक स्तर पर देखने से पता चलता है कि २०१८ में ५५% आबादी के साथ, ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में अधिक लोग रहते हैं। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि भारत में २०५० तक ४१.६ करोड़ निवासी शहरो में और जुड़ जाएँगे। लेकिन यह देखना जरूरी है कि "शहरी" और "ग्रामीण" को परिभाषित करने में हम अब तक अटके हुए हैं।

हाल ही के एक अध्ययन में, आईडीएफसी संस्थान के शोधकर्ताओं ने भारत में "शहरी" होने की वर्तमान परिभाषा पर ध्यान दिया है। अध्ययन ने सरकार की राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एनआरइजीइस) और भारत में ‘शहरी’ और ’ग्रामीण’ होने की परिभाषा के आधार पर इसके कार्यान्वयन का आकलन किया। अध्ययन को एशियन इकोनॉमिक्स नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को वर्गीकृत करने के लिए भारत सरकार के पास दो तरीके हैं। पहली प्रशासनिक परिभाषा है, जो स्थानीय निकाय के शहरी या ग्रामीण होने से सम्बंधित है। दूसरी परिभाषा, भारत की जनगणना पर आधारित है, जिसमें कहा गया है कि ५,००० से अधिक लोगों वाली बस्तियों जहाँ जनसंख्या घनत्व ४०० व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से अधिक और जिनमें से ७५% पुरुष श्रमिक गैर-कृषि कार्यों में शामिल हैं, वे बस्तियाँ भी शहरी की श्रेणी में आती हैं। लेकिन, सवाल यह है कि क्या ये वास्तव में भारत में बढ़ते शहरों के प्रसार पर सही रूप से इशारा करते है?

“यह व्यापक रूप से माना जाता है कि भारत काफी हद तक ग्रामीण है। अधिकांश केंद्रीय और राज्य सरकार की योजनाएं और अनुदान ग्रामीण-शहरी परिभाषाओं के आधार पर  दी जाती हैं। आईडीएफसी इंस्टीट्यूट के डॉ. वैदेही टंडेल का कहना है कि गलत परिभाषाओं के कारण सरकारी फंड्स का काफी नुक्सान होता है और लाभार्थियों का गलत चुनाव होता है। इस अध्ययन के पीछे की प्रेरणा के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि "गलत परिभाषाएँ भी उचित शहरी योजनाओं और निर्माण के  मानकों के अभाव के कारण अव्यवस्थित और अनियंत्रित विकास में परिणत होती हैं"।

भारत में कुछ बड़ी केंद्र प्रायोजित योजनाएँ, जैसे राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ग्रामीण क्षेत्रों की पहचान करने और उन्हें लक्षित करने के लिए प्रशासनिक परिभाषा का उपयोग करती हैं। अध्ययन में कहा गया है कि दोषपूर्ण परिभाषाएँ योजना को उनके लक्ष्य से भटकाती हैं। बात इसके कारण योजनाएँ उन लोगों की पहुँच से वंचित हो जाती है जिन्हें इन योजनाओं की आवश्यकता होती है, या उन लोगों तक पहुँच जाती हैं जिन्हें उनकी आवश्यकता ही नहीं होती है।
एनआरइजीइस कार्यक्रमों और प्रशासनिक मंडल के शहरी विकास के बीच के संबंधों की जांच पड़ताल जिला स्तर पर की जाती है। परिणामों से पता चला कि एनआरइजीइस के नियंत्रित कारक और शहरी विकास के बीच का संबंध सकारात्मक है, जो प्रशासनिक मंडल के लिए सकारात्मक है। इसका तात्पर्य यह है कि अधिक शहरीकृत जिलों में कार्यक्रम अधिक उपयोग में आते हैं।

लेकिन, फंड आवंटन के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की पहचान करने में प्रशासनिक परिभाषा का उपयोग करने पर वांछित परिणाम नहीं आ सकते हैं और वे नागरिकों के लिए सही रूप से उपयोगी नहीं हो सकते हैं। इसलिए, जैसा कि अध्ययन में उल्लेख किया गया है, "नीति निर्धारकों के लिए ऐसे मानदंडों पर भरोसा करना बेहतर हो सकता है, जिन्हें निष्पक्ष रूप से मापा जा सके और जिससे शहरी-ग्रामीण वर्गीकरण पर निर्भरता को कम किया जा सके।"

अध्ययन का तर्क है कि भारत में शहरीकरण की सही सीमा प्रशासनिक परिभाषा द्वारा सही रूप से परिभाषित नहीं की गई है।

डॉ. टंडेल का कहना है कि, "'शहरी' की सही परिभाषा देना संभव न भी हो, लेकिन जनसांख्यिकीय और स्थानिक सूचकों का उपयोग करके मौजूदा स्थिति में सुधार लाया जा सकता है। “शहरी क्षेत्रों में विभिन्न विशेषताओं और सार्वजनिक वस्तुओं की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, शहरी क्षेत्रों में जनसँख्या का घनत्व अधिक होता है क्योंकि यहाँ शहर से बाहरी लोग भी बड़ी संख्या में रहते हैं। शहरी क्षेत्रों में बीमारी और महामारी फैलने की संभावना और अधिक होती है। इसलिए शहरी क्षेत्रों में अग्निशमन, नगर नियोजन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली जैसी सेवाएं अधिक महत्वपूर्ण हैं। साथ ही, जनसँख्या के घनत्व का अधिक होना आर्थिक उन्नति  और कई सेवाओं के सस्ते होने के प्रावधान भी पैदा करता है”, डॉ टंडेल ने अपनी बात पूरी करते हुए कहा।

 

Hindi

Recent Stories

लिखा गया
Industrial Pollution

हाइड्रोजन आधारित प्रक्रियाओं में उन्नत उत्प्रेरकों और नवीकरणीय ऊर्जा के समावेश से स्टील उद्योग में कार्बन विमुक्ति के आर्थिक और औद्योगिक रूप से व्यवहार्य समाधानों का विकास ।

लिखा गया
Representative image of rust: By peter731 from Pixabay

दो वैद्युत-रासायनिक तकनीकों के संयोजन से, शोधकर्ता औद्योगिक धातुओं पर लेपित आवरण पर संक्षारण की दर को कुशलतापूर्वक मापने में सफल रहे।

लिखा गया
प्रतिनिधि चित्र श्रेय: पिक्साहाइव

उत्तम आपदा प्रबंधन एवं आर्थिक सुरक्षा की दृष्टि से, राज्य की वित्त व्यवस्था पर आपदा के प्रभाव का आकलन करने हेतु ‘डिजास्टर इंटेंसिटी इंडेक्स’ का उपयोग करते शोधकर्ता

लिखा गया
Lockeia gigantus trace fossils found from Fort Member. Credit: Authors

ಜೈ ನಾರಾಯಣ್ ವ್ಯಾಸ್ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಸಂಶೋಧಕರು ಜೈಸಲ್ಮೇರ್ ನಗರದ ಬಳಿಯ ಜೈಸಲ್ಮೇರ್ ರಚನೆಯಲ್ಲಿ ಲಾಕಿಯಾ ಜೈಗ್ಯಾಂಟಸ್ ಪಳೆಯುಳಿಕೆಗಳನ್ನು ಕಂಡುಹಿಡಿದಿದ್ದಾರೆ. ಇದು ಭಾರತದಿಂದ ಇಂತಹ ಪಳೆಯುಳಿಕೆಗಳ ಮೊದಲ ದಾಖಲೆ ಮಾತ್ರವಲ್ಲ, ಇದುವರೆಗೆ ಪತ್ತೆಯಾದ ಅತಿದೊಡ್ಡ ಲಾಕಿಯಾ ಕುರುಹುಗಳು.

लिखा गया
ಇಂಡೋ-ಬರ್ಮೀಸ್ ಪ್ಯಾಂಗೊಲಿನ್ (ಮನಿಸ್ ಇಂಡೋಬರ್ಮಾನಿಕಾ). ಕೃಪೆ: ವಾಂಗ್ಮೋ, ಎಲ್.ಕೆ., ಘೋಷ್, ಎ., ಡೋಲ್ಕರ್, ಎಸ್. ಮತ್ತು ಇತರರು.

ಕಳ್ಳತನದಿಂದ ಸಾಗಾಟವಾಗುತ್ತಿದ್ದ ಹಲವು ಪ್ರಾಣಿಗಳ ನಡುವೆ ಪ್ಯಾಂಗೋಲಿನ್ ನ ಹೊಸ ಪ್ರಭೇದವನ್ನು ಪತ್ತೆ ಮಾಡಲಾಗಿದೆ.

लिखा गया
ಸ್ಪರ್ಶರಹಿತ ಬೆರಳಚ್ಚು ಸಂವೇದಕದ ಪ್ರಾತಿನಿಧಿಕ ಚಿತ್ರ

ಸಾಧಾರಣವಾಗಿ, ಫೋನ್ ಅನ್ನು ಅನ್ಲಾಕ್ ಮಾಡುವಾಗ ಅಥವಾ ಕಛೇರಿಯಲ್ಲಿ ಬಯೋಮೆಟ್ರಿಕ್ ಸ್ಕ್ಯಾನರುಗಳನ್ನು ಬಳಸುವಾಗ, ನಿಮ್ಮ ಬೆರಳನ್ನು ಸ್ಕ್ಯಾನರಿನ ಮೇಲ್ಮೈಗೆ ಒತ್ತ ಬೇಕಾಗುತ್ತದೆ. ಬೆರಳಚ್ಚುಗಳನ್ನು ಸೆರೆಹಿಡಿಯುವುದು ಹೀಗೆ. ಆದರೆ, ಹೊಸ ಸಂಶೋಧನೆಯೊಂದು ಈ ಪ್ರಕ್ರಿಯೆಯನ್ನು ಇನ್ನಷ್ಟು ಸ್ವಚ್ಛ, ಸುಲಭ ಮತ್ತು ಹೆಚ್ಚು ನಿಖರವಾಗಿಸುವ ವಿಧಾನವನ್ನು ರೂಪಿಸಿದೆ. ಸಾಧನವನ್ನು ಮುಟ್ಟದೆಯೇ ಬೆರಳಚ್ಚನ್ನು ಸಂಗ್ರಹಿಸುವ ಮಾರ್ಗವನ್ನು ಹುಡುಕಿದೆ.

लिखा गया
ಮೈಕ್ರೋಸಾಫ್ಟ್ ಡಿಸೈನರ್ ನ ಇಮೇಜ್ ಕ್ರಿಯೇಟರ್ ಬಳಸಿ ಚಿತ್ರ ರಚಿಸಲಾಗಿದೆ

ಐಐಟಿ ಬಾಂಬೆಯ ಸಂಶೋಧಕರು ಶಾಕ್‌ವೇವ್-ಆಧಾರಿತ ಸೂಜಿ-ಮುಕ್ತ ಸಿರಿಂಜ್ ಅನ್ನು ಅಭಿವೃದ್ಧಿಪಡಿಸಿದ್ದಾರೆ. ಈ ಮೂಲಕ ಸೂಜಿಗಳಿಲ್ಲದೆ ಔಷಧಿಗಳನ್ನು ಪೂರೈಸುವ ಮಾರ್ಗವನ್ನು ಕಂಡುಹಿಡಿದಿದ್ದಾರೆ.

लिखा गया
ಅತ್ಯಂತ ಪ್ರಾಚೀನ ವಸ್ತುವಿನ ಅಧ್ಯಯನ

ಹಯಾಬುಸಾ ಎಂದರೆ ವೇಗವಾಗಿ ಚಲಿಸುವ ಜಪಾನೀ ಬೈಕ್ ನೆನಪಿಗೆ ತಕ್ಷಣ ಬರುವುದು ಅಲ್ಲವೇ? ಆದರೆ ಜಪಾನಿನ ಬಾಹ್ಯಾಕಾಶ ಸಂಸ್ಥೆ - (ಜಾಕ್ಸ, JAXA) ತನ್ನ ಒಂದು ನೌಕೆಯ ಹೆಸರು ಹಯಾಬುಸಾ 2 ಎಂದು ಇಟ್ಟಿದ್ದಾರೆ. ಈ ನೌಕೆಯನ್ನು ಜಪಾನಿನ ಬಾಹ್ಯಾಕಾಶ ಸಂಸ್ಥೆ ಸೌರವ್ಯೂಹದಾದ್ಯಂತ ಸಂಚರಿಸಿ ರುಯ್ಗು (Ryugu) ಕ್ಷುದ್ರಗ್ರಹವನ್ನು ಸಂಪರ್ಕ ಸಾಧಿಸುವ ಉದ್ದೇಶದಿಂದ  ಡಿಸೆಂಬರ್ 2014 ರಲ್ಲಿ ಉಡಾವಣೆ ಮಾಡಿತ್ತು. ಇದು ಸುಮಾರು ಮೂವತ್ತು ಕೋಟಿ (300 ಮಿಲಿಯನ್) ಕಿಲೋಮೀಟರ್ ದೂರ ಪ್ರಯಾಣಿಸಿ 2018 ರಲ್ಲಿ ರುಯ್ಗು ಕ್ಷುದ್ರಗ್ರಹವನ್ನು ಸ್ಪರ್ಶಿಸಿತ್ತು. ಅಲ್ಲಿಯೇ ಕೆಲ ತಿಂಗಳು ಇದ್ದು ಮಾಹಿತಿ ಮತ್ತು ವಸ್ತು ಸಂಗ್ರಹಣೆ ಮಾಡಿ, 2020 ಯಲ್ಲಿ ಯಶಸ್ವಿಯಾಗಿ ಹಿಂತಿರುಗಿತ್ತು.

लिखा गया
ಕಾಂಕ್ರೀಟ್‌ ಪರೀಕ್ಷೆಗೆ ಪ್ರೋಬ್‌

ಕಾಂಕ್ರೀಟ್‌ನಲ್ಲಿ ಹುದುಗಿರುವ ರೆಬಾರ್‌ಗಳಲ್ಲಿನ ತುಕ್ಕು ಪ್ರಮಾಣವನ್ನು ಮಾಪಿಸಲು ವಿಜ್ಞಾನಿಗಳು ಒಂದು ಹೊಸ ತಪಾಸಕವನ್ನು ಅಭಿವೃದ್ಧಿಪಡಿಸಿದ್ದಾರೆ.

लिखा गया
‘ದ್ವಿಪಾತ್ರ’ದಲ್ಲಿ ಮೈಕ್ರೋ ಆರ್‌ಎನ್‌ಎ

ವೈರಲ್ ಸೋಂಕುಗಳು ಮತ್ತು ಸ್ವಯಂ ನಿರೋಧಕ ಕಾಯಿಲೆಗಳಲ್ಲಿ ಮೈಕ್ರೋ ಆರ್‌ಎನ್‌ಎ ‘ದ್ವಿಪಾತ್ರ’ದಲ್ಲಿ ಕೆಲಸ ಮಾಡುತ್ತದೆ. 

लिखा गया
ರೀಚಾರ್ಜ್ ಮಾಡಬಹುದಾದ ಬ್ಯಾಟರಿಗಳು

ಐಐಟಿ ಬಾಂಬೆ ಯ ಬ್ಯಾಟರಿ ಪ್ರೋಟೋಟೈಪಿಂಗ್ ಲ್ಯಾಬ್ ನ ಸಂಶೋಧಕರು ಇಂಧನ (ಶಕ್ತಿ) ಶೇಖರಣಾ ಸಾಧನವಾಗಿರುವ ರೀಚಾರ್ಜ್ ಮಾಡಬಹುದಾದ ಬ್ಯಾಟರಿಗಳ ಬಗ್ಗೆ ಅಧ್ಯಯನ ನಡೆಸುತ್ತಿದ್ದಾರೆ. 

Loading content ...
Loading content ...
Loading content ...
Loading content ...
Loading content ...