बहुलक विलयन में विक्षोभ को समझने की दिशा में एक कदम आगे

हम सभी एक विमान में हैं और अचानक विमान चालक आपको 'विक्षोभ या टर्बुलेन्स ' के कारण अपनी सीट बेल्ट को बाँधने के लिए कहता है। यद्यपि आप इस ‘विक्षोभ’ के कारण कुछ झटकों का अनुभव कर सकते हैं, लेकिन आप इसके बारे में शायद ज़्यादा न सोचे । ‘विक्षोभ’ वायु के अस्थिर एवं अस्त-व्यस्त प्रवाह के लिए एक तकनीकी शब्द है । विक्षोभ या टर्बुलेन्ट प्रवाह  हर जगह पाए जाते हैं - सितारों, सुपरनोवा, ऑटोमोबाइल इंजन में हवा और ईंधन का मिश्रण करने से लेकर घरेलू पाइपलाइनों मे पानी के प्रवाह तक।

विक्षोभ, औद्योगिक रिएक्टरों या वायुमंडल और महासागरों में बड़े पैमाने पर मिश्रण की गति को बढ़ाता है परन्तु इससे ऊर्जा की खपत में तेजी से वृद्धि होती है। विक्षोभ के मूलभूत कारण को समझना, भौतिकी में कई बड़ी चुनौतियों में से एक रहा है। इसकी सही समझ, उदाहरण के लिए, हवाई जहाज के पंखों के बेहतर डिजाइन मे सहायक होगी। यह न केवल आपको झटकों से बचाएगा बल्कि ईंधन की खपत में भारी बचत भी कर पायेगा।

हाल ही के एक अध्ययन में शोधकर्ताओं की एक टीम ने ,अपने अध्ययन के आधार पर, "फिज़िकल रिव्यु लेटर्स" नामक पत्रिका में एक लेख प्रकाशित किया है। शोधकर्ताओं की इस टीम का नेतृत्व संयुक्त रूप से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के प्राध्यापक वी. शंकर और जवाहर लाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च (जेएनसीएएसआर), बेंगलुरु से प्राध्यापक गणेश सुब्रमण्यम ने किया है। यह अध्ययन सैद्धांतिक रूप से उन प्रयोगात्मक परिणामों की व्याख्या करने में सक्षम है, जो बहुलक (पॉलीमर) विलयनों में आकस्मिक विक्षोभ  दिखाते हैं। उन्होंने उस प्रक्रिया को खोज निकाला  है , जिसके द्वारा इस तरह के विलयनो में विक्षोभ उत्पन्न होता है- यह एक ऐसी पहल है जो भविष्य में विक्षोभ पर  अध्ययन को बढ़ावा देकर इस क्षेत्र में दूरगामी प्रभाव ला सकती  है।

पानी या हवा की तरह तरल पदार्थ का प्रवाह उसकी चिपचिपाहट या श्यानता से वर्णित किया जा सकता है। इस चिपचिपेपन की व्याख्या आइजैक न्यूटन से सम्बंधित है, जिन्होंने पहली बार लैमिनार प्रवाह में निकटवर्ती तरल परतों की फिसलनके प्रतिरोध के संदर्भ में इसका वर्णन किया। जल और वायु  'न्यूटोनियन तरल पदार्थ' के उदाहरण हैं। ऐसे तरल पदार्थों में बहुलक की मिलावट पहले से मौजूद चिपचिपेपन के साथ एक निश्चित 'लचक' प्रदान करती है। चिपचिपा और लचीला दोनों प्रभाव प्रदर्शित करने वाले ऐसे तरल पदार्थ 'गैर-न्यूटोनियन तरल पदार्थ' के प्रमुख उदाहरणों में से एक हैं, इन्हें और उचित रूप से विस्कोइलास्टिक  तरल पदार्थ' के रूप में जाना जाता है।

इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बहुलक विलयनो में विक्षोभ के प्रारंभ की जाँच की है। बहुलक विलयन, विस्कोइलास्टिक तरल पदार्थों का  एक महत्वपूर्ण वर्ग है।  इससे यह पता चला है कि ऐसे तरल पदार्थ सिर्फ बुनियादी अध्ययन के लिए ही नहीं बल्कि औद्योगिक अनुप्रयोगों में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

आईआईटी कानपुर के प्राध्यापक वी. शंकर बताते हैं कि "विक्षोभ की दशा में पंपिंग की लागत को कम करने के लिए कच्चे तेल में पॉलिमर मिलाया जाताहै। ट्रांस-अलास्का तेल की पाइपलाइन में इस विधी का प्रयोग किया जा रहा है।"

न्यूटोनियन तरल पदार्थों में  केवल अत्यधिक प्रवाह गति पर ही विक्षोभ उत्पन्न होता है जबकि पिछले प्रयोगों से पता चला है कि विस्कोइलास्टिक तरल पदार्थों में यह बहुत कम प्रवाह गति पर ही उत्पन्न हो जाता है। हालाँकि इतनी कम गति परविक्षोभ के प्रारंभ के कारणों को अब तक समझा नहीं गया था।

पिछली शताब्दी में किए गए कई अध्ययनों से पता चला है कि न्यूटोनियन पाइप प्रवाह थोडासा विचलित करने पर भी धारारेखी रहता है। छोटेसे विचलन के लिए ऐसे प्रवाह को  'रैखिक रूप से स्थिर' कहा जा सकता हैं। द्रव गतिविज्ञान की वर्तमान धारणा के अनुसार विस्कोइलास्टिक पदार्थों के पाइप  प्रवाह कोइस न्यूटोनियन परिदृश्य के आधार पर समझा जा सकता है । यह विश्वास इतना गहरा था कि विस्कोइलास्टिक पाइप प्रवाह की स्थिरता का विश्लेषण करने का प्रयास भी नहीं किया गया । प्राध्यापक शंकर और प्राध्यापक सुब्रमण्यम कहते हैं कि जब हमने इस कमी को महसूस किया तब हमें लगा कि यह आगे खोज करने लायक है और इसीसे हमें इस अध्ययन की प्रेरणा मिली।

इस अध्ययन के शोधकर्ता सैद्धांतिक रूप से विस्कोइलास्टिक तरल पदार्थ की गति की गणना करने में कामयाब हुए हैं और इस बात की पुष्टि कर पाए हैं कि है कि बहुलक के मिलाने से धारारेखी प्रवाह अस्थिर हो जाता है और ज़रा सा विचलन  भी इसको प्रभावित करता है। प्राध्यापक शंकर ने कहा कि " आश्चर्यजनक  रूप से, हमें सर्कुलर पाइप और चैनल, दोनों ही में विस्कोइलास्टिक प्रवाह के लिए एक ही प्रकार की  रैखिक अस्थिरता मिली है , और यहाँ तक कि विस्कोइलास्टिक प्रवाह में परिवर्तन के प्रयोगात्मक अवलोकन के साथ गुणात्मक परिणाम का समन्वय पाया गया है। इस अध्ययन से  हम बहुलक विलयन में विक्षोभ की प्रक्रिया के आरंभ की उचित भविष्यवाणी कर सकेंगे ।"

अध्ययन के ये परिणाम गैर-न्यूटोनियन तरल पदार्थो  के व्यवहार और उनके व्यापक अनुप्रयोगों की हमारी समझ के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं। ये परिणाम भविष्य में सैद्धांतिक गणनाओं के लिए कम आदर्शीकृत स्थितियों के तहत 'नमूने' के रूप में भी काम करेंगे। साथ ही बहुलक (पॉलिमरिक) तरल पदार्थ के विक्षोभ प्रवाह के किसी भी भविष्य के मॉडल में महत्त्वपूर्ण घटक के रूप में इनका प्रयोग किया जा सकता है।

Hindi

Recent Stories

लिखा गया
Research Matters
Industrial Pollution

हाइड्रोजन आधारित प्रक्रियाओं में उन्नत उत्प्रेरकों और नवीकरणीय ऊर्जा के समावेश से स्टील उद्योग में कार्बन विमुक्ति के आर्थिक और औद्योगिक रूप से व्यवहार्य समाधानों का विकास ।

लिखा गया
Research Matters
Representative image of rust: By peter731 from Pixabay

दो वैद्युत-रासायनिक तकनीकों के संयोजन से, शोधकर्ता औद्योगिक धातुओं पर लेपित आवरण पर संक्षारण की दर को कुशलतापूर्वक मापने में सफल रहे।

लिखा गया
Research Matters
प्रतिनिधि चित्र श्रेय: पिक्साहाइव

उत्तम आपदा प्रबंधन एवं आर्थिक सुरक्षा की दृष्टि से, राज्य की वित्त व्यवस्था पर आपदा के प्रभाव का आकलन करने हेतु ‘डिजास्टर इंटेंसिटी इंडेक्स’ का उपयोग करते शोधकर्ता

लिखा गया
Research Matters
Lockeia gigantus trace fossils found from Fort Member. Credit: Authors

ಜೈ ನಾರಾಯಣ್ ವ್ಯಾಸ್ ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯದ ಸಂಶೋಧಕರು ಜೈಸಲ್ಮೇರ್ ನಗರದ ಬಳಿಯ ಜೈಸಲ್ಮೇರ್ ರಚನೆಯಲ್ಲಿ ಲಾಕಿಯಾ ಜೈಗ್ಯಾಂಟಸ್ ಪಳೆಯುಳಿಕೆಗಳನ್ನು ಕಂಡುಹಿಡಿದಿದ್ದಾರೆ. ಇದು ಭಾರತದಿಂದ ಇಂತಹ ಪಳೆಯುಳಿಕೆಗಳ ಮೊದಲ ದಾಖಲೆ ಮಾತ್ರವಲ್ಲ, ಇದುವರೆಗೆ ಪತ್ತೆಯಾದ ಅತಿದೊಡ್ಡ ಲಾಕಿಯಾ ಕುರುಹುಗಳು.

लिखा गया
Research Matters
ಇಂಡೋ-ಬರ್ಮೀಸ್ ಪ್ಯಾಂಗೊಲಿನ್ (ಮನಿಸ್ ಇಂಡೋಬರ್ಮಾನಿಕಾ). ಕೃಪೆ: ವಾಂಗ್ಮೋ, ಎಲ್.ಕೆ., ಘೋಷ್, ಎ., ಡೋಲ್ಕರ್, ಎಸ್. ಮತ್ತು ಇತರರು.

ಕಳ್ಳತನದಿಂದ ಸಾಗಾಟವಾಗುತ್ತಿದ್ದ ಹಲವು ಪ್ರಾಣಿಗಳ ನಡುವೆ ಪ್ಯಾಂಗೋಲಿನ್ ನ ಹೊಸ ಪ್ರಭೇದವನ್ನು ಪತ್ತೆ ಮಾಡಲಾಗಿದೆ.

लिखा गया
Research Matters
ಸ್ಪರ್ಶರಹಿತ ಬೆರಳಚ್ಚು ಸಂವೇದಕದ ಪ್ರಾತಿನಿಧಿಕ ಚಿತ್ರ

ಸಾಧಾರಣವಾಗಿ, ಫೋನ್ ಅನ್ನು ಅನ್ಲಾಕ್ ಮಾಡುವಾಗ ಅಥವಾ ಕಛೇರಿಯಲ್ಲಿ ಬಯೋಮೆಟ್ರಿಕ್ ಸ್ಕ್ಯಾನರುಗಳನ್ನು ಬಳಸುವಾಗ, ನಿಮ್ಮ ಬೆರಳನ್ನು ಸ್ಕ್ಯಾನರಿನ ಮೇಲ್ಮೈಗೆ ಒತ್ತ ಬೇಕಾಗುತ್ತದೆ. ಬೆರಳಚ್ಚುಗಳನ್ನು ಸೆರೆಹಿಡಿಯುವುದು ಹೀಗೆ. ಆದರೆ, ಹೊಸ ಸಂಶೋಧನೆಯೊಂದು ಈ ಪ್ರಕ್ರಿಯೆಯನ್ನು ಇನ್ನಷ್ಟು ಸ್ವಚ್ಛ, ಸುಲಭ ಮತ್ತು ಹೆಚ್ಚು ನಿಖರವಾಗಿಸುವ ವಿಧಾನವನ್ನು ರೂಪಿಸಿದೆ. ಸಾಧನವನ್ನು ಮುಟ್ಟದೆಯೇ ಬೆರಳಚ್ಚನ್ನು ಸಂಗ್ರಹಿಸುವ ಮಾರ್ಗವನ್ನು ಹುಡುಕಿದೆ.

लिखा गया
Research Matters
ಮೈಕ್ರೋಸಾಫ್ಟ್ ಡಿಸೈನರ್ ನ ಇಮೇಜ್ ಕ್ರಿಯೇಟರ್ ಬಳಸಿ ಚಿತ್ರ ರಚಿಸಲಾಗಿದೆ

ಐಐಟಿ ಬಾಂಬೆಯ ಸಂಶೋಧಕರು ಶಾಕ್‌ವೇವ್-ಆಧಾರಿತ ಸೂಜಿ-ಮುಕ್ತ ಸಿರಿಂಜ್ ಅನ್ನು ಅಭಿವೃದ್ಧಿಪಡಿಸಿದ್ದಾರೆ. ಈ ಮೂಲಕ ಸೂಜಿಗಳಿಲ್ಲದೆ ಔಷಧಿಗಳನ್ನು ಪೂರೈಸುವ ಮಾರ್ಗವನ್ನು ಕಂಡುಹಿಡಿದಿದ್ದಾರೆ.

लिखा गया
Research Matters
ಅತ್ಯಂತ ಪ್ರಾಚೀನ ವಸ್ತುವಿನ ಅಧ್ಯಯನ

ಹಯಾಬುಸಾ ಎಂದರೆ ವೇಗವಾಗಿ ಚಲಿಸುವ ಜಪಾನೀ ಬೈಕ್ ನೆನಪಿಗೆ ತಕ್ಷಣ ಬರುವುದು ಅಲ್ಲವೇ? ಆದರೆ ಜಪಾನಿನ ಬಾಹ್ಯಾಕಾಶ ಸಂಸ್ಥೆ - (ಜಾಕ್ಸ, JAXA) ತನ್ನ ಒಂದು ನೌಕೆಯ ಹೆಸರು ಹಯಾಬುಸಾ 2 ಎಂದು ಇಟ್ಟಿದ್ದಾರೆ. ಈ ನೌಕೆಯನ್ನು ಜಪಾನಿನ ಬಾಹ್ಯಾಕಾಶ ಸಂಸ್ಥೆ ಸೌರವ್ಯೂಹದಾದ್ಯಂತ ಸಂಚರಿಸಿ ರುಯ್ಗು (Ryugu) ಕ್ಷುದ್ರಗ್ರಹವನ್ನು ಸಂಪರ್ಕ ಸಾಧಿಸುವ ಉದ್ದೇಶದಿಂದ  ಡಿಸೆಂಬರ್ 2014 ರಲ್ಲಿ ಉಡಾವಣೆ ಮಾಡಿತ್ತು. ಇದು ಸುಮಾರು ಮೂವತ್ತು ಕೋಟಿ (300 ಮಿಲಿಯನ್) ಕಿಲೋಮೀಟರ್ ದೂರ ಪ್ರಯಾಣಿಸಿ 2018 ರಲ್ಲಿ ರುಯ್ಗು ಕ್ಷುದ್ರಗ್ರಹವನ್ನು ಸ್ಪರ್ಶಿಸಿತ್ತು. ಅಲ್ಲಿಯೇ ಕೆಲ ತಿಂಗಳು ಇದ್ದು ಮಾಹಿತಿ ಮತ್ತು ವಸ್ತು ಸಂಗ್ರಹಣೆ ಮಾಡಿ, 2020 ಯಲ್ಲಿ ಯಶಸ್ವಿಯಾಗಿ ಹಿಂತಿರುಗಿತ್ತು.

लिखा गया
Research Matters
ಕಾಂಕ್ರೀಟ್‌ ಪರೀಕ್ಷೆಗೆ ಪ್ರೋಬ್‌

ಕಾಂಕ್ರೀಟ್‌ನಲ್ಲಿ ಹುದುಗಿರುವ ರೆಬಾರ್‌ಗಳಲ್ಲಿನ ತುಕ್ಕು ಪ್ರಮಾಣವನ್ನು ಮಾಪಿಸಲು ವಿಜ್ಞಾನಿಗಳು ಒಂದು ಹೊಸ ತಪಾಸಕವನ್ನು ಅಭಿವೃದ್ಧಿಪಡಿಸಿದ್ದಾರೆ.

लिखा गया
Research Matters
‘ದ್ವಿಪಾತ್ರ’ದಲ್ಲಿ ಮೈಕ್ರೋ ಆರ್‌ಎನ್‌ಎ

ವೈರಲ್ ಸೋಂಕುಗಳು ಮತ್ತು ಸ್ವಯಂ ನಿರೋಧಕ ಕಾಯಿಲೆಗಳಲ್ಲಿ ಮೈಕ್ರೋ ಆರ್‌ಎನ್‌ಎ ‘ದ್ವಿಪಾತ್ರ’ದಲ್ಲಿ ಕೆಲಸ ಮಾಡುತ್ತದೆ. 

लिखा गया
Research Matters
ರೀಚಾರ್ಜ್ ಮಾಡಬಹುದಾದ ಬ್ಯಾಟರಿಗಳು

ಐಐಟಿ ಬಾಂಬೆ ಯ ಬ್ಯಾಟರಿ ಪ್ರೋಟೋಟೈಪಿಂಗ್ ಲ್ಯಾಬ್ ನ ಸಂಶೋಧಕರು ಇಂಧನ (ಶಕ್ತಿ) ಶೇಖರಣಾ ಸಾಧನವಾಗಿರುವ ರೀಚಾರ್ಜ್ ಮಾಡಬಹುದಾದ ಬ್ಯಾಟರಿಗಳ ಬಗ್ಗೆ ಅಧ್ಯಯನ ನಡೆಸುತ್ತಿದ್ದಾರೆ. 

Loading content ...
Loading content ...
Loading content ...
Loading content ...
Loading content ...